1: मै खुद लिखता हूँ मोहब्बत
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो
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2: मेरा हर लम्हा चुरा लिआ आपने,
आँखों को एक चाँद दिखा दिया आपने,
हमें जिन्दगी दी किसी और ने,
हम दुनियाँ' से तुझे छुपाएँ कैसे
मेरी हर शायरी तेरा ही नाम लेती है...!
तुम आइने को संवार लो
मै अपनी खुशबु बिखेर देता हूँ
तुम अपनी जुल्फों को सवार लो
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2: मेरा हर लम्हा चुरा लिआ आपने,
आँखों को एक चाँद दिखा दिया आपने,
हमें जिन्दगी दी किसी और ने,
पर प्यार इतना देकर जीना सीखा दिया आपने।
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3: ये मेरा दिवानापन है,या मोहब्बत का शुरूर...
तू ना पहचाने तो है ये तेरी नाजरों का कुसूर...!!!
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4 : होंठो ने तेरा ज़िक्र न किया पर
मेरी आंखे तुझे पैग़ाम देती है...!!हम दुनियाँ' से तुझे छुपाएँ कैसे
मेरी हर शायरी तेरा ही नाम लेती है...!
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5: इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,
कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए।
आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,
आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए।
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